ई बुढिया अछि हक्कल डइन

नैहर में सिखलक सावर्ण मंत्र
नहि काज करै एकरा लग कोनो जंत्र
पहिने खेलक अप्पन सांय
सालेक भीतर जावत भेल धांय
तखन भुजय लागल टोल आ गाम
एकरा लग के बुद् बच्चा नैन्ह
ई बुढिया अछि हक्कल डइन

नहि छैक एकरा कोनो लाज विचार
ककरा संग करी कोण व्यव्हार
नहि बजाबय कियो काज तिहार
तैयो टपकी परैया बीचे द्वार
नव कनिया खेला लगैत अछि भूत
बाम हाथ से जाकर छुबय चैन
ई बुढिया अछि हक्कल डइन

ककरो मरैया सांप कटा के
ककरो मरैया रोग ढूका के
ककरो मरैया दर्द करा के
ककरो मरैया धार डूबा के
नहि छोरैया बुढिया ओकरा
रहै छैक जाकर पर कैन
ई बुढिया अछि हक्कल डइन

बिच राईत में गाछ हंकैया
निशाभाग राईत में गाम घुमैया
पोषने अछि चुरिन, भूत जुआन
करैया टोल परोस परेशान
नहि बचल ओ लोक आई धरि
तकैया जाकर दिस कन्खुरिये नैन
ई बुढिया अछि हक्कल डइन

दुनियाँ आई अन्तरिक्ष घुमैया
सागर में पताका भह्राबैया
चंदरमा पर बसत आब लोक
भारत खोजि लेलक ओतय पानि
नहि भेल हमर सोच में अंतर
अखनो भूत, प्रेत आ डाइन
ई बुढिया अछि हक्कल डइन

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